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लेखक:

गणेश पाण्डेय

जन्म : 13 जुलाई, 1955 को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिला मुख्यालय के कस्बे (तत्कालीन ग्रामसभा तेतरी बाजार) में।

आरम्भिक शिक्षा वहीं और आसपास । किशोर जीवन से ही साहित्य में गहरी दिलचस्पी । सन् 1979 में उच्चशिक्षा के लिए गोरखपुर आगमन । गोरखपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए. की उपाधि हासिल और यहीं से आठवें दशक की हिन्दी कहानी पर डॉक्टरेट । जीविका के शुरुआत में कुछ वक्त पत्रकारिता से सम्बद्ध । कुछ समय उद्योग विभाग में सहायक प्रबन्धक के रूप में सरकारी नौकरी । सन् 1987 में गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक के रूप में नियुक्ति, तब से यहीं । सम्मति प्रोफेसर के पद पर कार्यरत । विश्वविद्यालय में पूर्व अधिष्ठाता छात्रकल्याण और शिक्षक राजनीति में लोकतान्त्रिक मूल्यों के लिए लम्बे संघर्ष के फलस्वरूप यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष । साहित्यिक पत्रिका 'यात्रा' का सम्पादन । इण्टरनेट पर अपने ब्लॉग का संचालन । कृतियाँ:

  • कविता संग्रह-'अटा पड़ा था दुख का हाट'
  • 'जल में'
  • जापानी बुखार
  • परिणीता
  • अथ ऊदल कथा(उपन्यास)
  • पीली पत्तियाँ (कहानी-संग्रह)
  • आठवें दशक की हिन्दी कहानी (शोध)
  • रचना, आलोचना और पत्रकारिता(आलोचना)
  • हमारा रीफ (उपन्यास)।

सम्पर्क : हिन्दी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर- 27300

आलोचक के नोट्स

गणेश पाण्डेय

मूल्य: Rs. 400

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आलोचना का सच

गणेश पाण्डेय

मूल्य: Rs. 450

गणेश पाण्डेय की यह किताब पुस्तक समीक्षाओं का जखीरा नहीं है, बल्कि पुस्तक समीक्षाओं के आतंक और आलोचना के नाम पर ठस अपठनीय गद्य से पाटक को मुवत करने की एक दिलचस्प और यादगार कोशिश है   आगे...

 

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